इतिहास श्री श्री 1008 बरखडी बाबा लिखा जा रहा है
इतिहास श्री श्री 1008 बरखडी बाबा लिखा जा रहा है बात सबका मालिक एक बे चाम बे जान निराकार परमात्मा भगवान विश्वकर्मा जीवा सांसा का पल दो पल भर का आन और जान को बीच को लिये बे याम बे जान ही हो चाम बे जान सुक्ष्म शरिरों का गांगन महल और है चाम ह जान ही है थाम है जान संसार रुपी संसारी का हर लोका हर युग बया सार और पृथ्वी लौवा का ह खण्ड रूनी हेडक्वार्टर को पते कती और भगवान विश्ववामी जी का पृथ्वी लोक्त का है खण्ड रूपी हेटक्वाटर वित पडझड़ और घाटी दिन चार दिवारी चार दिवारी को अन्दर एका ही कारिगर ने पहले ही हर बुध रखनी पुतलों का हर आकार से सब का आकार और सांसा देता पल दो पल भर का आन और जान को बीच का रख और रखाव का है जान ही है जान संसार रूपी संसारी के लिये सब वो बे जान ही बें जान सुक्ष्म शरिरों कि रचना दिन अजब और गजब कि कारागारी वित महिमा बह...